Miscellaneous 1 MIN READ 1943 VIEWS November 7, 2022

जानें अस्थमा के कारण, लक्षण और इसे नियंत्रित करने के घरेलु उपचार

अस्थमा के कारण

अस्थमा का दौरा कभी कभी इतना तेज़ होता है कि उससे आपका जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। वैसे अस्थमा का कोई इलाज नहीं है। ये एक लाइलाज मर्ज़ है लेकिन किसी ना किसी तरह के घरेलू उपचार और अंग्रेजी मेडिसिन से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। चूंकि अस्थमा के लक्षण समय समय पर बदलते रहते हैं इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और इसके बदलते हुए लक्षणों पर पूरी नज़र रखें। आइये अब अस्थमा के कारण और लक्षण के बारे में विस्तार से बात करते हैं और जानते हैं किन किन कारणों से आपको अस्थमा हो सकता है।    

अस्थमा के कारण

हालाँकि अभी तक यह सही पता नहीं चला है कि कुछ लोगों को अस्थमा की बीमारी क्यों हो जाती है। अस्थमा संभवतः खराब पर्यावरण को ना सहन कर पाने की क्षमता और पारिवारिक यानी हेरीडेट्री कारणों से भी हो सकता है। जब आप अस्थमा ट्रिगर के संपर्क में आते हैं तो अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। अस्थमा ट्रिगर एक ऐसी चीज है जो आपके अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकती है। 

अस्थमा एलर्जी के कारण होता है। एलर्जी को ट्रिगर करने वाले विभिन्न पदार्थ अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। अस्थमा एलर्जी के कुछ प्रमुख कारण होते हैं जैसे धूल के कण, पालतू जानवर, घास, पेड़, तिलचट्टे और चूहे, मोल्ड स्पोर, पालतू डेंडर, साँस का इंफेक्शन, वायु प्रदूषण, धूम्रपान, बीटा ब्लॉकर्स, एस्पिरिन, एडविल, मोटरीन आईबी और नैप्रोक्सेन जैसी कुछ दवाएं, तनाव, सल्फाइट्स और प्रेसेर्वटिव्स, कुछ खाद्य पदार्थ और ड्रिंक्स जैसे झींगा मछली, सूखे फल, प्रोसेस्ड आलू, बियर और शराब आदि अस्थमा एलर्जी को बढ़ाने में शामिल हो सकते हैं।  

अस्थमा के प्रकार

अस्थमा दो प्रकार के होते हैं, एक होता है एलर्जिक अस्थमा और दूसरा है नॉन-एलर्जिक अस्थमा। 

1. एलर्जिक अस्थमा 

अस्थमा या दमा किसी प्रकार की एलर्जी के संपर्क में आने से होता है। अगर आप किसी भी चीज़ से एलर्जिक हैं तो आपको उसकी निकटता और प्रभाव से अस्थमा हो सकता है। इसको एलर्जिक अस्थमा कहते हैं। 

2. नॉन-एलर्जिक अस्थमा 

नॉन-एलर्जिक अस्थमा होने के मुख्य कारण हैं, अगर आप किसी तनाव से गुज़र रहे हैं, कसरत कर रहे हैं, ठंड या फ्लू जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं, खराब मौसम के संपर्क में आ रहे हैं, हवा में मिला हुआ पल्यूशन आपके लिए समस्या है या फिर कुछ आप कुछ ऐसी दवाएं जो आपको सूट नहीं कर रही हैं। इस कारण भी नॉन-एलर्जिक अस्थमा हो सकता है।  

अस्थमा के लक्षण 

अस्थमा के लक्षण हर व्यक्ति में से अलग-अलग हो सकते हैं। मुख्य रूप से अस्थमा के लक्षण हैं, साँस लेने में तकलीफ और जकड़न, सीने में दर्द, सांस ना आना, खांसी के कारण नींद में परेशानी, खाना निगलने के दौरान कोई आवाज़ आना, खांसी के अटैक पड़ना इत्यादि। कभी-कभी ऐसे दौरे जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं। 

अस्थमा के घरेलू उपचार

दमा के उपचार के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खे भी आज़मा सकते हैं। इसके लिए आप गेहूँ, पुराना चावल, मूँग और जौ का सेवन करिये। डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल कीजिये। पालक और गाजर का जूस अस्थमा में फायदेमंद होता है। लहसुन, अदरक, हल्दी और काली मिर्च का सेवन करिये। इससे अस्थमा के इलाज में मदद मिलती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कई ऐसे घरेलू नुस्खे हैं जिनके उपयोग से अस्थमा के इलाज में मदद मिलती है। आइये अस्थमा के कुछ प्रमुख घरेलू नुस्खों के बारे में बात करते हैं।   

1. लहसुन 

अस्थमा में लहसुन का इस्तेमाल उपयोगी और लाभदायक होता है। थोड़े से दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबालकर इस मिश्रण को रोज़ाना पीने से अस्थमा का इलाज संभव है। 

2. अजवाइन 

अस्थमा एक बहुत बुरा मर्ज़ है। अस्थमा के कारण आज करोड़ों लोग पीड़ित हैं। अस्थमा को जड़ से खत्म करने के लिए आप अजवायन को उबालिये और इस पानी की भाप लीजिये। यह अस्थमा को जड़ से खत्म कर सकता है।

3. अंजीर 

अंजीर भी अस्थमा में लाभकारी है। इसके सूखे हुए फल गुणों से भरे होते हैं। यह बलग़म को जमने से रोकते हैं। अंजीर को गर्म पानी में रात में भिगो दीजिये और सुबह निहार मुँह इसे खा लीजिये। इससे साँस की नली में जमा बलगम बाहर निकल जायेगा और इन्फेक्शन से भी राहत मिलेगी। 

4. मेथी 

दमा का इलाज मेथी से भी किया जा सकता है। शरीर के अंदर की एलर्जी को खत्म करने में भी मेथी फायदा करती है। थोड़ी सी मेथी को एक गिलास पानी में मिलाकर तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में थोड़ा शहद और अदरक का रस मिलाकर रोज़ाना सुबह-शाम पीजिये। आपको इससे अस्थमा में बहुत फायदा होगा।     

5. अदरक

अस्थमा का इलाज करने के लिए आप अदरक का उपयोग भी कर सकते हैं। अदरक की चाय में लहसुन की दो पिसी कलियाँ मिलाकर पीजिये। इसके अलावा एक चम्मच अदरक का ताजा रस, एक कप मेथी का काढ़ा और थोड़ा शहद को मिला लीजिये। दमा के इलाज में यह बहुत लाभदायक है। 

6. करेला

अस्थमा के इलाज में करेला भी बहुत उपयोगी है। एक चम्मच करेले का पेस्ट, शहद और तुलसी के पत्ते के रस को मिला कर खाने से अस्थमा में फायदा होता है। 

7. बड़ी इलायची

बड़ी इलायची कफ की मात्रा में कमी करती है। इससे अस्थमा के लक्षणों में भी कमी आती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि अस्थमा के मरीजों को बड़ी इलायची का सेवन ज़रूर करना चाहिए। 

8. आंवला पाउडर है

आंवला रसायनिक गुणों से भरा होता है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है और अस्थमा में लाभ पहुंचाता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार अस्थमा में नियमित रूप से आंवला या आंवला पाउडर का सेवन करना चाहिए।   

9. सहजन

सहजन में कफ कम करने वाला गुण होता है और इसी वजह से ये अस्थमा में फायदा करती है। अगर आपको अस्थमा है तो सहजन की सब्जी ज़रूर खाइये।

10. लैवेंडर ऑयल 

अस्थमा की रोकथाम में लैवेंडर आयल की खुशबू सहायक होती है। विशेषज्ञों के अनुसार लैवेंडर ऑयल में पाये जाने वाले शोथहर और एंटी एलर्जिक का गुण अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। 

11. कॉफी 

कॉफी में मौजूद कैफीन में ब्रोंको डायलेटर का गुण होता है जो अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसलिए आपको सीमित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन करना चाहिए।

12. शहद 

अस्थमा की रोकथाम में हल्दी और शहद मिलाकर चाटना लाभदायक होता है। यह भी अस्थमा का इलाज है। आप बड़ी इलायची, खजूर और अँगूर को पीसकर शहद में मिलाकर भी खा सकते हैं। यह अस्थमा की खाँसी में बहुत फायदा करता है। 

13. तेजपत्ता 

दमा के उपचार के लिए आप तेजपत्ता और पीपल के पत्ते की 2 ग्राम मात्रा को पीसकर चटनी की तरह भी खा सकते हैं। इसका सेवन अस्थमा में फायदेमंद है। 

14. तुलसी

आप तुलसी के पत्ते पीसकर उसमें सोंठ, सेंधा नमक, जीरा और भुनी हींग मिलाकर एक गिलास पानी में उबाल लीजिये। इसको पीने से अस्थमा दूर हो सकता है। 

15. प्याज 

कच्चे प्याज का सेवन अस्थमा में फायदा करता है। इसमें मौजूद सल्फर फेफड़ों की जलन को कम करता है। प्याज अस्थमा में फायदेमंद है।  

16. विटामिन सी

अस्थमा में आपको विटामिन-सी वाले फलों जैसे नींबू, संतरे, जामुन, स्ट्रॉबेरी और पपीते का सेवन करना चाहिए। सब्जियों में फूलगोभी एवं पत्तागोभी खाइये। इसके सेवन से अस्थमा ठीक हो सकता है।   

कन्क्लूज़न 

ये तो आप समझ ही गए होंगे कि अस्थमा से घबराना नहीं चाहिए बल्कि अपना ख्याल रखना चाहिए। दमा के उपचार में घरेलू नुस्खे फायदे के हो सकते हैं, तो उन्हें भी आज़माना चाहिए। इसमें आप दूध में हल्दी मिलाकर भी पी सकते हैं और सरसों के तेल में कपूर मिलाकर उससे शरीर की मालिश भी करवा सकते हैं। इतने नुस्खों में कोई भी नुस्खा आपके लिए बेहतर हो सकता है। स्वस्थ रहिये और अपना ख्याल रखिये।   

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