

क्या आपको लगता है कि आप जिम में व्यायाम की जगह दूसरी चीजों पर बहुत समय बर्बाद कर रहे हैं? अगर यह बात आपके अंदर आनी शुरू हो गई है तो घबराइए नहीं हम आपकी मदद करेंगे। यहां हम चार ऐसे तरीके लाएं हैं जिसके सहारे आप जिम में प्रोडक्टिव समय को बढ़ा सकते हैं।
जिम या व्यायाम स्वास्थ्य प्रेमी के लिए किसी दैनिक धार्मिक क्रिया के जैसा ही एक पवित्र क्रिया है जो चाहे कुछ भी हो वे प्रतिदिन करते हैं। लेकिन जिम में ऐसा भी समय आता है जब लोगो को लगता है कि वे अपना ज्यादा समय ऐसी शारीरिक गतिविधि में लगाते हैं जिससे लगता है कि उनका समय व्यर्थ जा रहा है।
अगर आपके अंदर ऐसा ही विचार आना शुरू हो गया है और आप जिम में अपने कठिन परीश्रम से अर्जित पैसे और उतना ही कीमती समय बर्बाद होने की वजह से आत्मग्लानी महसूस कर रहे हैं तो आप इस लेख को पढ़िए, यह आपको जिम में प्रोडक्टिव समय बढ़ाने में मदद करेगा।
1. प्लान पर अमल करें-
जिम में सेशन शुरू करने के लिए सुनिश्चित प्लान का होना अति आवश्यक है जिसके सहारे आप प्रभावी व्यायाम कर सकते हैं। सबसे पहले आप उन क्षेत्रों को चिन्हित करें जिस पर आपको ध्यान देने की जरूरत है फिर अपने ट्रेनर की साहयता से वर्कआउट प्लान को बनाएं या आप प्रो हैं तो आप अपने जिम प्लान को अपने आवश्यक्ता अनुसार बनाएं। एक बात पर आप जरूर ध्यान दें कि आप व्यायाम सारे मसल्स ग्रुप के लिए करें साथ ही कार्डियो और वार्मअप सेशन अवश्य करें।
ब्रेक और रेस्ट सेशन को जितना छोटा रख सके रखें ताकि आप व्यायाम के प्रभाव को बढ़ा सकें। यहां हम आपके लिए वर्कआउट प्लान का एक सैंपल लाएं है जो आपको जिम के समय को बढ़ाने में मदद करेगा. आप इससे एक खाका बनाएं और अपने जरूरत अनुसार वर्कआउट प्लान बनाएं:
सेट के बीच में एक मिनट आराम करें
10 से 15 मिनट वार्मअप के साथ शुरूआत करें
- फुल स्कवाट्स- 4 सेट्स x 8 रेप्स
- स्टिफ-लेग्ड डेडलिफ्ट्स – 4 सेट्स x 8 रेप्स
- बेंच प्रेस- 4 सेट्स x 8 रेप्स
- पेंडले बेंट-ओवर रोज़- 4 सेट्स x 8 रेप्स
- बार्बेल कर्ल्स – 3 सेट्स x 10 रेप्स
- वेटेड डिप्स- 3 सेट्स x 10 रेप्स
- एबडोमिनल वर्क (लेग रेज़ेज़, डिक्लाइन क्रन्चेज़)

2. जिम टाइम बढ़ाने के लिए सुपरसेट्स को अजमाएं-
अगर आप चाहते हैं कि आप अपने जिम के ज्यादातर समय का सही उपयोग करे तब आपके लिए सुपरसेट्स सर्वोत्तम है जिससे की आप जिम में बिताए हर मिनट को और स्वीट, शॉर्ट और इंटेन्स बना सकते हैं। यह ना केवल जिम में आपके गहन श्रम को और बढ़ाएगा बल्कि इसकी सहायता से आप कम समय में ज्यादा वर्कआउट कर पाएंगे, जिसे मसल्स बिल्डिंग में एक बेहतरीन तरीका माना जाता है।
सुपरसेटिंग की साथ शुरूआत अलग-अलग तरीको से की जा सकती है, जिनमें:
एंटैगनिस्ट सुपरसेटिंग: इस व्यायाम में दो विपरीत मसल ग्रुप व्यायाम को किया जाता है, उदाहरण के लिए- बाइसेप के साथ ट्राइसेप, स्वाड्स के साथ हैमस्ट्रिंग्स और चेस्ट के साथ बैक। इस तरह के सुपरसेटिंग्स तब प्रभावी होते हैं जब आप एक मसल को कम करना चाहते हैं और दूसरे को उसके विपरीत।
एगनिस्ट सुपरसेटिंग: जब एक ही तरह के व्यायम को एक साथ करते हैं जैसे कि बेंच प्रेस के साथ डम्बल प्लाइज़ या स्वाट्स के साथ लेग एक्टेंशन्स। दरअसल यह अलग-अलग व्यायामों का एक संयुक्त रुप हैं जिसमें कई तरह के मूवमेंट आतें हैं।
अनकनवेंशनल सुपरसेटिंग्स: इसमें दो अलग-अलग व्यायाम शरीर के अलग-अलग अंग के लिए संयुक्तरूप से किये जाते है जैसे कि ट्राइसेप्स और बैक, बाइसेप्स और चेस्ट या क्वाड्रिसेप्स और काल्व्स।
सुपरसेट्स के प्रकार
प्री-एग्जॉशन सुपरसेट्स
इस तरह के सुपरसेट्स में एक मसल ग्रुप का अलग-अलग तरीके से व्यायाम किया जाता है और फिर कंपाउड व्यायाम की सहायता से कड़ी मेहनत की जाती है। उदाहरण के लिए: लेग एक्सटेंशन्स के बाद स्क्वाट्स।
पोस्ट- एग्जॉशन सुपरसेट्स
अगर आप अपने व्यायाम के स्तर को एक नए आयाम पर ले जाने के लिए दर्द सहने के लिए तैयार हैं तो यह सुपरसेट्स आपके लिए सर्वोत्तम है। एक मसल ग्रुप के कंपाउड व्यायाम के साथ शुरुआत करें और फिर इसे अलग व्यायम के रूप में करें, यह मसल ग्रुप के मसल्स फाइबर पर शानदार काम करता है। उदाहरण के लिए: स्कवाट्स के बाद लेग एक्सटेंशन्स।
कंपाउन्ड सुपरसेट्स
कंपाउंड सुपरसेट्स एंडवास ट्रेनीज़ के लिए ही है क्योंकि इसमें दोनो सुपरसेट्स के पार्ट में हेवी वेट की भूमिका है जो कि हेवी नर्वस सिस्टम (सीएनएस) के तनाव का कारण बन सकता है। उदाहरण के लिए: बेंच प्रेस के बाद इनक्लाइन्ड बेंच प्रेस.
आइसोलेशन सुपरसेट्स
अगर आप एक मसल ग्रुप को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से यह सुपरसेट आपकी मदद करेगा। दरअसल इसमें आप एक मसलग्रुप को पूरी तरह ध्यान में रख कर व्यायाम को दोगुना कर देते हैं वह भी उसी समय अंतराल में। उदारहण के लिए: बार्बेल कर्ल के बाद हैमर कर्ल।
स्टैगर सुपरसेट्स
यह सुपरसेट सबसे कम दबाव वाला व्यायाम है क्योंकि आप दो पूरी तरह से अलग-अलग व्यायाम को एक दूसरे से अलग मसल ग्रुप के लिए एक ही समय में करते हैं। इसका मतलब यह हुआ की इस सुपरसेट में आपको आराम और मसल ग्रुप को रिकवरी का समय मिल जाता है ताकि आप दूसरे मसल्स ग्रुप का व्यायाम भी इस दौरान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए बेंच प्रेस के बाद काफ रेज़ेज़

3. जिम में लिमिट सोशलाइज़िंग
ध्यान रहे कि आप जिम इसलिए जा रहे हैं तकि आप अपने मसल्स और शरीर पर काम कर सके और फिर आप अपना वजन घटानेबढ़ाने या सिक्स पैक्स ऐब्स के लक्ष्य की प्राप्ति कर सके जोकि आपका लंबे समय से एक सपना रहा है। इसलिए जिम के समय का सोशलाइज़िंग में प्रयोग ना करें और दोस्ती-यारी ना करें साथ ही ऐसी किसी बातचीत का हिस्सा ना बने जिसका आपकी हेल्थ पर कोई प्रभाव नहीं है।
आप अपने उद्देश्य पर ध्यान दें, अपने आपको बार-बार याद दिलाएं कि आप यहां क्यों हैं, आपने अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय क्यों निकाला है और साथ ही आप अपनी मेहनत की कमाई जिम की सदस्यता पर खर्च कर रहें है। जब आप जिम में हैं तब आप अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें। दोस्ती यारी, नए दोस्त और गपशप के लिए अलग जगह हैं।
4. अपनी इंटेसिटी को हाई रखें
एक हाई इंटेसिटि वर्कआउट आपके ध्यान को केंद्रित रखता है साथ ही यह व्यायाम कैलरीज़ को भी नष्ट करता है। इंटेसिटि जितनी अधिक होगी कैलरीज़ नष्ट होने की संभावना उतनी अधिक होगी। अगर आप लो इंटेसिटि वर्कआउट रूटिन रखेंगे तब आपकी प्रोग्रेस जिम में बहुत ही धीमी होगी चाहे जितने भी घंटे आप जिम में बिताएं परिणाम बहुत ज्यादा समय लेगा। अपने वर्कआउट की इंटेसिटि को बढ़ाने के लिए एक हाइ कैफिनेटेड प्री-वर्कआउट सप्लिमेंट लें, इसका सेवन जिम जाने के कम से कम एक घंटे पहले करें।
कैफिन असर दिखाने में कम से कम 60 मिनट का समय लेता है, एक प्री-वर्कआउट सप्लिमेंट आपकी एलर्टनेस, शार्प फोकस और फैट नष्ट होने की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से बढ़ाता है और साथ ही आप ज्यादा समय जिम को दे पाते हैं वह भी हाई इंटेसिटि के साथ। हाई इंटेसिटि वर्कआउट में अधिक सहन शक्ति की जरूरत होती है ताकि दर्द को बर्दाश्त किया जा सके, यह शरीर का तेज गति से विकास करता है। एक कैफिनेटेड सप्लिमेंट आपकी सहन शक्ति को बढ़ाता है जिससे कि आप जिम में शरीर के दर्द और जकड़न के बिना व्यायाम कर सकते हैं।