

गोंद कतीरा एक पौधा है जो भारत (उत्तरी क्षेत्र), ईरान, और पाकिस्तान में पाया जाता है। इस पौधे से निकलने वाले गोंद का उपयोग विभिन्न चीज़ों में किया जाता है। इस पौधे में कई प्रकार के पोषक तत्व, फाइबर, और खनिज मौजूद होते हैं जो इसे एक स्वस्थ खाद्य उत्पाद और औषधीय उपयोग के लिए बेहतर बनाते हैं। गोंद कई प्रकार के पाए जाते हैं और इस लेख में हम गोंद खाने के फायदे और नुकसान के बारे में भी संक्षेप में जानेंगे।
गोंद कितने प्रकार के होते हैं ?
गोंद विभिन्न वनस्पतियों से निकाला जाता है और तरल तथा ठोस दोनों रूपों में पाया जाता है। चूंकि इन्हें विभिन्न प्रजातियों से निकाला जाता है, इसलिए उनके आधार पर उनके अलग-अलग नाम होते हैं। यहाँ गोंद के कुछ प्रकार दिए गए हैं:
- दन्ती गोंद: इसे आम तौर पर “करेया गोंद” या “केराय गोंद” भी कहा जाता है। यह गोंद करेया गमीफेरा वृक्ष से प्राप्त होता है।
- बाज़ारगोंद: बाज़ारगोंद, जिसे आमतौर पर “गोंद कतीरा” या “कटिरा गोंद” कहा जाता है, एक प्राकृतिक गोंद है जो अकसर एस्ट्रैगलस वृक्ष से प्राप्त होता है। यह गोंद विभिन्न रंगों और आकारों में पाया जाता है और इसके कई उपयोग हैं।
- ट्रागाकैंथ गोंद: ट्रागाकैंथ गोंद, जिसे “गोंद कतीरा” भी कहा जाता है, एस्ट्रैगलस वृक्ष की विभिन्न प्रजातियों से प्राप्त होता है। यह एक प्राकृतिक पॉलीसैकराइड है और इसे अपने उत्कृष्ट स्थिरता और गाढ़ापन प्रदान करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है।
- गुग्गुल: गुग्गुल, जिसे “गुग्गल” या “गुग्गुलु” भी कहा जाता है, एक राल है जो विशेष रूप से कमिफोरा मुकुल वृक्ष से प्राप्त होता है। यह राल आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
इसके अलावा, हीरा गोंद और बबूल गोंद भी प्रमुख प्रकार हैं। इनका उपयोग औषधीय, खाद्य, और औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है। गोंद की विभिन्न प्रकार की उपयोगिताएँ उनके विशेष गुणों के कारण होती हैं।
गोंद के फायदे
गोंद, एक प्राकृतिक रेजिन है, जो पेड़ों से निकाला जाता है; भारतीय चिकित्सा और रसोई में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके विभिन्न प्रकारों में सामान्य गोंद, काला गोंद, और गोंद कतीरा शामिल हैं। गोंद के फायदे इस प्रकार हैं:
- पाचन तंत्र में सुधार: गोंद पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। यह आंतों को स्वच्छ रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करता है।
- ऊर्जा स्रोत: गोंद का सेवन शारीरिक थकान को दूर करने में मदद करता है। यह शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है और मांसपेशियों की कमजोरी को कम करता है।
- त्वचा के लिए लाभकारी: गोंद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखते हैं। यह झुर्रियों और बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है।
- हड्डियों की मजबूती: गोंद का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है और जोड़ों के दर्द को कम करता है। इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस की मौजूदगी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- शक्ति बढ़ाने वाला: गोंद को ऊर्जा और शक्ति बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान फायदेमंद होता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली: काला गोंद के फायदे में से एक यह है कि इसका नियमित सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे शरीर विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है।
गोंद खाने के नुकसान
अगर किसी चीज़ को अधिक मात्रा में लिया जाए तो उसके कुछ नुकसान भी नजर आते हैं। आइये जानें क्या हो सकते हैं गोंद खाने के नुकसान:
- वजन बढ़ना: गोंद का अधिक सेवन वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है, क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में कैलोरी होती है।
- पाचन समस्याएँ: गोंद कतीरा खाने के नुकसान में एक यह है कि गोंद कतीरा के अत्यधिक सेवन से पाचन तंत्र प्रभावित होता है, जिससे अपच, गैस, और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- एलर्जिक प्रतिक्रियाएं: कुछ व्यक्तियों को गोंद से एलर्जी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर चकत्ते, खुजली, और अन्य एलर्जिक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं।
निष्कर्ष
गोंद एक शक्तिशाली प्राकृतिक उत्पाद है जिसमें कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन इसका उपयोग संतुलित मात्रा में और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए। गोंद के विभिन्न प्रकारों के फायदे और नुकसान को समझकर हम इसका सही तरीके से उपयोग कर सकते हैं और संभावित नुकसान से बच सकते हैं। यदि कोई किसी गंभीर समस्या से पीड़ित है तो उसे किसी भी नुकसान से बचने के लिए डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन लेना चाहिए।