क्या आपने कभी एसेंशियल ऑयल का नाम सुना है? क्या आप जानते हैं कि यह है क्या और ये क्या काम करता है? दरअसल एसेंशियल ऑयल पौधों से निकाला जाने वाला एक अर्क या जूस है। पौधे संरचनात्मक सामग्री और फाइटोकेमिकल्स से बने होते हैं। इनके रसायनों में ऐसे गुण होते हैं जो न केवल पौधे को लाभ पहुँचाते हैं बल्कि ये लाभ लोगों तक भी पहुँचता है। असल में जो पौधे फायदेमंद होते हैं ये एसेंशियल ऑयल उनके लिक्विड एक्सट्रैक्ट होते हैं। जिन पौधों से ये बनाए जाते हैं उनकी अपेक्षा उनसे बने तेलों में बहुत ज्यादा स्ट्रांग स्मेल होती है। ये एसेंशियल ऑयल कुछ महंगे होते हैं। चूंकि आवश्यक तेल बहुत अधिक और बिलकुल शुद्ध सामग्री के द्वारा तैयार किये जाते हैं इसलिए इसके फायदे भी बहुत ज़्यादा होते हैं।
असल में यह तेल एक शक्तिशाली वनस्पति दवा है जिसका उपयोग सभी कर सकते हैं। इन तेलों का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी, प्राकृतिक उपचार और अल्टरनेटिव हेल्थ प्रैक्टिसेज में किया जाता है। हालांकि इनको उपयोग करने से पहले आपको इनके बारे में विस्तार से जानना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि इन एसेंशियल ऑयल के फायदे क्या क्या हो सकते हैं और इनसे आपके स्वास्थ्य पर किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है।
अरोमाथेरेपी क्या है?
अरोमा थेरेपी एक प्रकार की मेडिकल प्रैक्टिस है। जिसके तहत कुछ शारीरिक और मानसिक बीमारियों का इलाज तरह-तरह की खुशबुओं के ज़रिये यानी एरोमा ऑयल्स से किया जाता है। अरोमाथेरपी में कई ऐसी खुशबुएँ होती हैं जो बीमार और समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति को राहत दिला सकती हैं। खुश्बुओं का भी अपना असर होता है। जीवन में खुशबू के असर को सभी नहीं समझते हैं। इसको यू जानने की कोशिश करिये जैसे अच्छे खाने की खुशबू, फूलों की खुशबू या फिर किसी सेंट, परफ्यूम या इत्र की महक। हो सकता है आप अरोमा थेरेपी में इस्तेमाल की जाने वाली कई खुशबुओं से परिचित हों लेकिन उस खुशबू से आपके दिल और दिमाग पर कैसा और क्या असर होता है शायद आप ये ना जानते हों।
अरोमाथेरपी से इलाज करना आसान है। शरीर मसाज तेल से अरोमा थेरेपी में खुशबुओं का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है। आप भी अपने घर में गुलाब की खुशबू, गुलाब जल, गुलाब के तेल आदि से ये थेरेपी कर सकते हैं। आप इत्र, परफ्यूम और अगरबत्ती का प्रयोग कर सकते हैं। आप अपने कमरे, बाथ टब और अपने बिस्तर को किसी भी अच्छी महक से सजा सकते हैं। आप अपने किसी पसंदीदा तेल से अपने जिस्म की मालिश कर सकते हैं। आइये देखते हैं अरोमाथेरेपी में एसेंशियल ऑयल के फायदे क्या क्या हैं और ये कितनी तरह के होते हैं।
अलग अलग प्रकार के एसेंशियल ऑयल
यहाँ हमने कुछ सबसे अचे एसेंशियल ऑइल और उनके अनेक फायदों के बारे में बात की है –
1. गुलाब अरोमा ऑयल
अगर आप गुलाब अरोमा ऑयल की खुशबू सूंघते हैं तो उससे आपको डाइजेशन में राहत मिलती है साथ ही चिंता, स्ट्रेस और डिप्रेशन दूर होता है। गुलाब अरोमा से ब्लड सर्कुलेशन, हार्ट की समस्याएं और दमा जैसी बीमारियों में फायदा होता है।
2. चन्दन अरोमा ऑयल
चन्दन अरोमा के उपयोग से मन शांत रहता है। अगर आपको अपने नर्वस सिस्टम को भी शांत रखना है तो चन्दन की महक उसके लिए भी बेहतर है। इसकी महक से सीने का दर्द, यूरिनरी ट्रैक्ट और टेंशन दूर हो सकता है। अगर आपकी स्किन ड्राई है तो चन्दन के तेल की मालिश उसको मुलायम बना सकती है।
3. जैस्मिन अरोमा ऑयल
जैस्मिन अरोमा या चमेली का तेल का प्रयोग डिप्रेशन दूर करने, कोई भी लत या पुरानी आदत को छुड़ाने के लिए और दमा के रोगियों के लिए किया जाता है।
4. लैवेन्डर अरोमा ऑयल
लैवेंडर की खुशबू असेंशियल ऑयल्स में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। ये भरपूर नींद, बेचैनी, मेंस्ट्रुअल के दर्द, अस्थमा, तनाव, उलझन और सिर के दर्द में फायदा करती है। अगर आप लैवेंडर अरोमा ऑयल अपनी त्वचा पर लगाते हैं तो आप सनबर्न से बचे रह सकते हैं। इससे एक्जिमा और रैशेज पर भी अच्छा असर पड़ता है।
5. यूकेलिप्टस अरोमा तेल
यूकेलिप्टस ऑयल तो आप सभी ने इस्तेमाल ज़रूर किया होगा। ये तेल बहुत फायदे का होता है। इसकी खुशबू से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है। अगर आपकी नाक बंद हो, कफ, खांसी ज़ुकाम हो, अस्थमा की समस्या हो, सीना जकड़ गया हो या फिर सर या दांत में दर्द की शिकायत हो तो यूकेलिप्टस ऑयल का उपयोग करने से बहुत फायदा होता है।
6. नींबू एरोमा ऑयल
नींबू एरोमा ऑयल से भी कई समस्याओं का इलाज करने में मदद मिलती है। नींबू की खुशबू मन को शांति देती है और आप इसका उपयोग कंसन्ट्रेशन बढ़ाने, आर्थराइटिस की समस्या को दूर करने, मुहांसों के लिए तथा डाइजेशन सिस्टम को दुरुस्त रखने में कर सकते हैं। इसके अलावा नींबू में चूँकि विटामिन सी होता है इसलिए इसकी महक आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है।
7. सन्दलवुड ऑयल
सन्दलवुड ऑयल यानी खुशबू ही खुशबू। खुशबू के साथ गुणों से भी भरपूर। एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-टैनिंग, एंटी-वायरल जैसे तमाम गुण से भरा हुआ है ये तेल। आपकी सेहत के लिए बहुत लाभदायक। नींद के लिए सहायक और साथ ही ये नर्वस को भी सुकून देता है।
8. पेपरमिंट ऑयल
पेपरमिंट ऑयल भी बहुत फायदे का ऑयल है। इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीऑक्सिडेंट, मायोरेलैक्सेंट, एनाल्जेसिक जैसी कई तत्व पाए जाते हैं। आप पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल एनर्जी को बढ़ाने और डाइजेशन में में भी कर सकते हैं।
एसेंशियल ऑयल के फायदे
अरोमा यानी खुशबू जो हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है। हालाँकि अरोमाथैरेपी एक ऐसी पद्धति है जिसमें तरह तरह की नेचुरल खुशबुओं के द्वारा इलाज किया जाता है। अरोमाथेरेपी में प्लांट्स, हर्ब्स, पेड़ों, फूलों के रस आदि से बने एसेंशियल ऑइल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसके काफी फायदे भी होते हैं। आइये जानते हैं कि इन एसेंशियल ऑयल्स के फायदे क्या क्या होते हैं।
1. खूबसूरती बढ़ाता है
अगर आप इन एसेंशियल ऑयल्स का उपयोग करते हैं तो आप अपनी सुंदरता को बढ़ा सकते हैं। खास कर रोज़ और जैस्मिन ऑयल के इस्तेमाल करने से आपकी धूप से झुलसी हुई त्वचा चमक सकती है। वहीँ आप ट्री ऑयल से अपने पिम्पलस को ठीक कर सकते हैं और रोज़ ऑयल आपकी त्वचा को चमकदार बना सकता है।
2. डाइजेशन में सुधार
एसेंशियल ऑयल्स डाइजेशन की समस्या में बहुत कारामद होते हैं। इसमे अरोमाथैरेपी बहुत कारगर होती है। डाइजेशन में तुलसी और चंदन की अरोमा बहुत असरदार होती है।
3. नींद लाने में सहायक
क्या आपको नींद ना आने की समस्या है? हालाँकि आज की तनाव भरी ज़िन्दगी में रात को नींद ना आना एक आम समस्या बन गई है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आप लैवेंडर, कैमोमाइल, नारंगी आदि खुशबुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप अरोमालैम्प या फिर इनके ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं।
4. डिप्रैशन में सहायक
एसेंशियल ऑयल डिप्रेशन में भी फायदा करते हैं। आप डिप्रेशन में जैस्मिन और कैमोमाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको राहत मिलेगी और आप पॉजिटिव सोचेंगे।
5. सैक्स लाइफ के लिए बेहतर
एसेंशियल ऑयल आपकी सेक्स लाइफ को भी बेहतर बनाते हैं। आप इसके लिए चन्दन ,चमेली और गुलाब के अरोमा का उपयोग कर सकते हैं। इनसे शरीर के हार्मोन में उत्तेजना पैदा होती है और सेक्स से सम्बंधित अगर कोई समस्या है तो वो भी दूर होती है। आप सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए लौंग का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. फर्टिलिटी बढ़ाते हैं
ये ऑयल्स बहुत उपयोगी होते हैं। इनके उपयोग से आप अपनी फर्टिलिटी भी बढ़ा सकते हैं। इसको बढ़ाने के लिए आप जीरे के तेल का प्रयोग कर सकते हैं।
7. सिर दर्द में दे राहत
आज की ज़िन्दगी में किसी के पास समय नहीं है। सभी रोज़मर्रा की दौड़ भाग में लगे हुए हैं। ऐसे में डिप्रेशन होना या सर में दर्द होना एक आम बात है। ऐसे में ये एसेंशियल ऑयल जैसे रोजमेरी ,लैवेंडर और पुदीने की खुशबू आपकी इस सिरदर्द वाली परेशानी से आपको छुटकारा दिला सकते हैं।
8. ज़ुकाम में सहायक
एसेंशियल ऑयल्स ज़ुकाम में भी रामबाण का काम करते हैं। सर्दी के मौसम में इस तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में नाक का बंद होना, सर्दी लगना, खांसी, ज़ुकाम और छाती में ठंडक जम जाना आदि तरह तरह की समस्याएं होने लगती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आप नीलगिरी के तेल की कुछ बूँदें पानी में डाल कर उससे स्टीम लीजिये। इससे आपको बंद नाक और ज़ुकाम में फ़ौरन फायदा होगा।
कन्क्लूज़न
खुशबू से इलाज भी हो सकता है। एसेंशियल ऑयल के फायदे आप जान गए। ये सभी ऑयल प्राकृतिक हैं लेकिन ये पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। पौधों और हर्बल प्रोडक्ट्स में कई बायोएक्टिव कंपाउंड्स होते हैं जो आपकी हेल्थ के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। हालांकि बेस ऑयल के साथ स्किन के लिए ज़्यादातर एसेंशियल ऑयल सुरक्षित ही होते हैं। इन ऑयलस का उपयोग एक ज़माने से कई बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है। लेकिन आप इनका उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करिये। अपना ख्याल रखियेगा।
एसेंशियल ऑयल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न2: एसेंशियल ऑयल किन चीज़ों से बनता है?
एसेंशियल ऑयल प्योर नेचुरल ऑयल होते हैं जो पौधों और फूलों के रस से बनाये जाते हैं। कई एसेंशियल ऑयल बहुत ज्यादा स्ट्रांग होते हैं। इस कारण इन्हें डायरेक्ट इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इन्हें कुछ अन्य जैसे नारियल का तेल या दूसरे तेलों के साथ मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रश्न3: अरोमाथेरेपी क्या है और इसके फायदे क्या होते हैं?
अरोमा थेरेपी एक वैकल्पिक मेडिकल प्रैक्टिस है जिसमे कुछ शारीरिक और मानसिक बीमारियों का इलाज तरह-तरह की खुशबुओं के द्वारा अरोमा ऑयल्स से किया जाता है। अरोमाथेरेपी का उपयोग सदियों से होता रहा है। जब आप साँस लेते हैं तो एसेंशियल ऑयल्स की महक सीधे आपके मस्तिष्क तक जाती है और यही खुशबू आपको राहत देती है और आपके इलाज में सहायक होती है।