
आमिर खान ने परफेक्शनिज़म की नई परिभाषा लिखी है। अपनी आने वाली फिल्म दंगल में उन्होंने एक पहलवान का रोल किया है। आपको बताते हैं पहलवान के रूप में आमिर खान के इस शानदार सफर के बारे में।
लाखों प्रशंसक, बेजोड़ मेहनत और बेमिसाल अभिनय का नाम है आमिर खान। आमिर साल में केवल एक फिल्म ही करते हैं। अपनी आने वाली फिल्म दंगल में आमिर जाने माने पहलवान माहावीर फोगट का किरदार निभाते नज़र आएंगे। पूरी फिल्म माहावीर फोगट के एक पहलवान होने से लेकर दो लड़कियों के एक सख्त और उम्र दराज़ पिता की कहानी दर्शाती है। आमिर ने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान शारीरिक रूप से अपने अंदर काफी बदलाव किए हैं। आमिर ने कहा कि फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें ऐसे शारीरिक परिवर्तनों से गंभीर मेडिकल सम्सयाएं होने का डर था पर फिर भी आमिर ने बिना किसी तकनीक या बॉडी सूट का प्रयोग करते हुए इस चुनौती को बाखूबी निभाया।
आमिर ने बताया कि, “मैने फिल्म के निर्देशक को कहा कि पहले मैं वज़न बढ़ा कर 80 फीसदी फिल्म की शूटिंग पूरी कर लेता हूँ उसके बाद बचे हुए सीन्स के लिए मैं फिर से फिट हो कर शूट कर लूंगा। ऐसा करने से मेरे पास फिर से पतला होने की एक वजह होगी नहीं तो फिल्म के बाद मेरे पास फिट होने का कोई कारण नहीं बचेगा।” चूंकी वो जो भी खाना चाहते थे वे खा सकते थे इसलिए वज़न बढ़ाने के लिए आमिर को ज़्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन फिर भी एक एजेड पहलवान जैसे दिखने के लिए उन्हें रोज़ाना स्क्वाट्स और बेंच प्रेस तो करना ही पड़ता था जोकि लगभग 97 किलो के हो चुके आमिर खान के लिए काफी मुश्किल था।
पर उनकी फिटनेस का असली दंगल तब शुरु हुआ जब उन्हें फिल्म के शुरुआती हिस्से के लिए एक जवान पहलवान के रूप में आना था और तब उनके सामने अपने बॉडी फैट को 38 फीसदी से 9 फीसदी तक लाने की चुनौती थी।
आमिर ने बताया कि उन्होंने फिर से फिट होने के लिए अपने आप को 5 महीने दिए थे। साथ ही उनका लक्षय प्रसिद्ध पहलवान सुशील कुमार के जैसा शरीर बनाने का था। आमिर ने बताया कि शारीरिक कद-काठी में बदलाव करने के लिए आहार की सबसे ज़्यादा भूमिका होती है। अगर आप सही आहार नहीं ले रहे हैं तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी कसरत करते हैं।
आमिर के हिसाब से एक स्वस्थ शरीर बनाने में-
- 50 फीसदी योगदान आहार का होता है
- 25 फिसदी योगदान कसरत का, और
- 25 फीसदी योगदान नींद का होता है।
अच्छे परिणामों के लिए 8 घंटे ज़रूर सोयें।,
बेहद कम समय में लगभग 22 किलो वज़न घटाने के लिए आमिर ने अपने शरीर के कैलॉरी स्तर पर खासा ध्यान दिया। उन्होंने बताया कि वज़न घटाने के इस तरीके में आप दिन में जितनी कैलॉरी लेते हैं, अगर आप कसरत करके उससे ज़्यादा कैलॉरी लूज़ कर पाते हैं तो ये हमेशा वज़न घटाने में कारगर साबित होगा। उदाहरण के तौर पर अगर आप दिन में अलग अलग आहार के ज़रिए 2000 कैलॉरी लेते हैं और कसरत करके 2500 कैलॉरी तक लूज़ कर पाते हैं तो आपके शरीर से 500 कैलॉरी बर्न हो जाएंगी। हर दिन ऐसा करके आप एक हफ्ते में 3500 कैलॉरी बर्न कर पाएंगे और आपका वज़न लगभग आधा किलो तक घट जाएगा।
कैलॉरी के इस खेल में आहार की बहुत बड़ी भूमिका होती है। आपको ऐसा करने के लिए एक संतुलित आहार लेने की ज़रूरत है।
आमिर कहते हैं कि एक संतुलित आहार में-
- 30 फीसदी प्रोटीन
- 20 फीसदी स्वस्थ फैट, और
- 50 फीसदी कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए।
ये वज़न घटाने का एक अच्छा तरीका है, वज़न घटाने के लिए किसी जादू की छड़ी को प्रयोग नहीं किया जा सकता।
आमिर के पोषण विशेषज्ञ डॉ निखिल धुरंदर नें उन्हें ऐसा आहार दिया जिससे उनके शरीर का कैलॉरी स्तर 1800 से 2500 के बीच रहा। आमिर दिन में 8 से 10 बार थोड़ा थोड़ा खाते थे। उनका ऐसा मानना है कि हमारी सेहत और हमारे खाने पर ही निर्भर करती है। अपने शरीर का मेटाबॉलिज़म बनाए रखने के लिए वो दिन में 3 से 4 लीटर पानी पीते हैं और रोज़ 8 घंटे की नींद लेते हैं।
दंगल फिल्म के दौरान वज़न बढ़ाने के लिए आमिर यह डाइट लेते थे-
ब्रेकफास्ट – 25 ग्राम उपमा और 100 ग्राम पपीता खाते थे।
लंच – कुछ सब्ज़ियों के साथ लगभग 30 ग्राम दाल से बनी रोटियां खाते थे।
डिनर – नेचुरल प्रोटीन के सोर्स जैसे मछली (अपने ट्रेनर्स के कहे अनुसार, आमिर ने वेगन डाइट से भी ब्रेक लिया)
आमिर के शारीरिक ट्रेनर्स राकेश उदियार (सलमान खान के ट्रेनर) और राहुल भट्ट (फिल्म निर्माता महेश भट्ट के बेटे) ने जिम में कसरत के दौरान उनकी काफी मदद करी।
5 महीनों में 22 किलो वज़न घटाने के लिए आमिर शुरुआत में 6 घंटे कसरत करते थे।
पहले तीन हफ्तों में आमिर का रोज़ाना वर्कआउट ऐसा होता था
- 3 घंटे हाइकिंग (चलना)
- 2 घंटे साईकलिंग
- 1 घंटा टेनिस और एक घंटा स्विमिंग।
इसके साथ वो रोज़ाना 10 से 12 घंटे की नींद लेते थे। आमिर ने बताया कि इस दौरान उन्होंने हर हफ्ते लगभग 2 किलो वज़न घटाया।
आमिर बताते हैं कि टांगों पर काम करना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। और उनके लिए उठक बैठक करना सबसे ज़्यादा कठिन था।
आमिर के ट्रेनर्स ने बताया कि कुछ ऐसे दिन भी होते थे जब आमिर बेहद थके होते थे और उनमें कुछ भी करने की क्षमता समाप्त हो चुकि होती थी पर फिर भी अपने पूरे जज़्बे और लगन के साथ आमिर अपनी कसरत पूरी करते थे।
आमिर का ये कहानी लगन और कमिटमेंट की मिसाल है। ये कहानी उनके लाखों प्रशंसकों को अपनी लिमिटेशन्स से बाहर निकल कर बेजोड़ मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है। एक 51 साल के शख्स के लिए पहले 97 किलो के पहलवान का किरदार निभाना, फिर कुछ ही समय में 22 किलो वज़न घटा कर एक युवा का किरदार निभाना वाकई प्रेरणादायक है। अपने प्रशसकों को आमिर यही सलाह देते हैं कि बिना किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के कोई भी अपने शरीर और सेहत को लेकर ऐसी ट्रेनिंग ना करे।
