Hindi 1 MIN READ 928 VIEWS January 24, 2023 Read in English

ओलोंग चाय के 12 अविश्वसनीय स्वास्थ्य लाभ

पानी के बाद चाय दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय होता है। यह विभिन्न प्रकार की होती है – दूध वाली, हरी, काली और ओलोंग। हालाँकि सभी को कैमेलिया साइनेंसिस पौधे से ही लिया जाता है, लेकिन अंतर यह है कि चाय की पत्तियों को कैसे संसाधित किया जाता है। ओलोंग चाय सावधानीपूर्वक संसाधित प्रक्रिया से गुजरती है। यह न केवल इसके स्वाद को बढ़ाता है बल्कि ओलोंग चाय के लाभों को कई गुना बढ़ा देता है। ओलोंग चाय के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।

ओलोंग चाय के बारे में

ओलोंग चाय कैमेलिया साइनेंसिस पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है जो चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में मूल रूप से पायी जाती हैं। यह चाय की एक सेमी-ऑक्सीडाइज्ड किस्म होती है। ग्रीन टी तैयार करते समय पत्तियां तोड़ते समय जल्दी से गर्म की जाती हैं। यह ऑक्सीकरण प्रक्रिया को रोकता है जिससे चाय की पत्तियों में उनके चमकीले हरे रंग और स्वाद को बनाए रखा जा सकता है। दूसरी तरफ काली चाय होती है जिसमें पत्तियों को लपेटकर ऑक्सीकरण होने के लिए हवा के संपर्क में लाया जाता है। सूखने और ऑक्सीकरण होने के बाद पत्तियाँ काली-भूरी हो जाती हैं।

हालाँकि, ओलोंग चाय बीच में ही सेट हो जाती है। इसकी फरमेंटशन या ऑक्सीकरण प्रक्रिया 10-80% के बीच ही होती है। यह चाय मास्टर की उत्पादन शैली पर निर्भर करता है। कम ऑक्सीडाइज़्ड ओलोंग चाय का स्वाद ताज़ी ग्रीन टी की तरह ही होता है, वहीं अधिक ऑक्सीडाइज़्ड वेरिएंट का स्वाद माल्टी काली चाय जैसा होता है।

ओलोंग चाय किस स्तर पर ऑक्सीकृत होती है इसके आधार पर इसका रंग, सुगंध और स्वाद भी अलग-अलग होता है। दिलचस्प बात यह है कि ओलोंग चाय के सभी स्तर अलग प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। नीचे कुछ ओलोंग चाय के लाभ सूचीबद्ध हैं।

ओलोंग चाय पोषण मूल्य

काली, हरी और ओलोंग चाय – सभी एक ही पौधे कैमेलिया साइनेंसिस से प्राप्त होती हैं। इसलिए ओलोंग चाय की न्यूट्रिशनल वैल्यू काली और ग्रीन टी की तरह ही होती है। लेकिन ओलोंग चाय ग्रीन टी की तुलना में थोड़ी अधिक फर्मेन्टेड होती है और काली चाय की तुलना में थोड़ी कम फर्मेन्टेड होती है इसलिए यह सभी अंतरों के लिए जिम्मेदार होती है।

 एक कप (236 मिली) पीसी हुई ओलोंग चाय प्रदान करती है:

● कैलोरी – 0

● कार्बोहाइड्रेट – 0 ग्राम

● वसा – 0 ग्राम

● कोलेस्ट्रॉल – 0 ग्राम

● फाइबर – 0 ग्राम

ओलोंग चाय में पाए जाने वाले सूक्ष्म पोषक तत्व इसको अच्छा बनाते है। ओलोंग चाय में निम्न शामिल होते हैं

● फ्लोराइड

● मैंगनीज

● पोटेशियम

● मैग्नीशियम

● नियासिन

● सोडियम

ओलोंग चाय में पाए जाने वाले उच्च मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट और पौधे-आधारित यौगिक इसको लाभकारी बनाते हैं। ओलोंग चाय में उच्च मात्रा में कैफीन होता है।

ओलोंग चाय के फायदे

ओलोंग चाय पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसमे निम्न शामिल है:

1. सूजन को कम करती है

ओलोंग चाय पॉलीफेनोल्स का एक उत्कृष्ट स्रोत होती है यह पौधे पर आधारित यौगिक होते है जिनमें उच्च एंटीऑक्सीडेंट का गुण होता है। ओलोंग चाय में सबसे अधिक पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स निम्नलिखित है जैसे थिएफ़्लेविन्स, थायरुबिगिन्स और ईजीसीजी। इन यौगिकों में एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं जो पुरानी सूजन को भी कम कर देते हैं। यह प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ाकर शरीर को कई तरह की बीमारियों और एलर्जी प्रतिक्रियाओं से बचाते है।

2. हृदय रोग से बचाव करती है

ओलोंग चाय में उच्च मात्रा में पॉलीफेनोल्स होते हैं। ये एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाते हैं जिससे ट्राइग्लिसराइड्स को तोड़ने में मदद करते है , रक्त में उपस्थित वसा जो धमनी की दीवारों को मोटा करता है जिससे हृदय पर दबाव बढ़ता है। यह सीधे तौर पर स्ट्रोक और दिल के दौरे के बढ़ते खतरे से जुड़ा हुआ होता है।

3. आंत के स्वास्थ्य में सुधार करती है

ओलोंग चाय में हल्के एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। यह आंत में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकते है जो आंत के माइक्रोबायोम के स्वास्थ्य और गुणवत्ता को बढ़ाता है। इसके अलावा ओलोंग चाय का प्रभाव क्षारीय होता है। यह एसिड रिफ्लक्स को कम करके अल्सर के निर्माण को रोकता है। शोध बताते हैं कि ओलोंग चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स आँतों में रहने वाले जीवाणु को नियंत्रित कर सकते हैं। यह आंतों के स्वास्थ्य को सुधार कर अपना योगदान देती है।

4. एलर्जी के खतरे को कम करती है

आंत का स्वास्थ्य कम प्रतिरक्षा से जुड़ा हुआ होता है जो एलर्जी के खतरे को बढाता है। ओलोंग चाय पीने से हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या कम हो जाती है जो आंत के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है यह प्रतिरक्षा में सुधार करके बीमारियों और एलर्जी के विकास के खतरे को कम करता है। शोध से पता चलता है कि ओलोंग चाय पीने से आंत के माइक्रोबायोम में विविधता लाकर सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करती है।

5. मधुमेह के खतरे को कम करती है

ओलोंग चाय में पाए जाने वाला पॉलीफेनोल ग्लूकोज के अवशोषण में मदद करता है। यह इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। चूंकि उच्च रक्त शर्करा और इंसुलिन प्रतिरोध दोनों ही मधुमेह के होने के कारण होते हैं, ओलोंग चाय पीने से मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है।

6. वजन प्रबंधन में सहायता करती है

ओलोंग चाय के पौधे के यौगिक उपापचय को बढ़ाते हैं। जैसे-जैसे शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है वैसे ही शरीर तेजी से कैलोरी को बर्न करता है। इससे शरीर की चर्बी कम कर सकते है। इस प्रकार ओलोंग चाय वजन घटाने के आहार के लिए एकदम सही होती हैं। शोध से यह पता चला है कि ओलोंग चाय से फैट बर्निंग 3.4% तक बढ़ जाती है। साथ ही, ओलोंग चाय एक शून्य कैलोरी पेय पदार्थ होती है। इस प्रकार यह चाय दैनिक आहार में कोई कैलोरी नहीं जोड़ती है।

7. संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का समर्थन करती है

ओलोंग चाय में उच्च मात्रा में एल- थिएनाइन होता है जो एक एमिनो एसिड होता है जिससे मानसिक कार्यप्रणाली में सुधार किया जा सकता है। ओलोंग चाय के नियमित सेवन से मस्तिष्क की गतिविधि में भी सुधार होता है जैसे बेहतर नींद आना और तनाव व चिंता का कम होना आदि है। इसके अलावा, ओलोंग चाय में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते है जो मस्तिष्क की सुरक्षा के लिए आवश्यक होते हैं यह न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। इस प्रकार, यह अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों के विकास के खतरे को भी कम करती है।

8. मानसिक सतर्कता में सुधार करती है

कैफीन ओलोंग चाय में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण यौगिक होता है। ओलोंग चाय की प्रति 250 मिली सर्विंग में 60 मिलीग्राम तक कैफीन होता है। कैफीन एक प्राकृतिक उत्तेजक होता है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह नींद को बढ़ाने वाले न्यूरोट्रांसमीटर एडेनोसिन के रिसेप्टर्स को ब्लॉक करने का काम करता है, जिससे मस्तिष्क में उत्तेजना का स्तर बढ़ जाता है। यह मानसिक सतर्कता और व्यवहार को बढ़ाने में भी मदद करता है जिससे यह आपको अधिक ऊर्जावान और सक्रिय बनाने में मदद करता है।

9. कैंसर के खतरे को कम करती है

ओलोंग चाय में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं। जो शरीर में मुक्त कणों से लड़कर ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। उच्च स्तर के ऑक्सीडेटिव तनाव डीएनए म्यूटेशन को भी बढ़ाते हैं। जिससे डीएनए को नुकसान पहुंचता है और जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। अनुसंधान से पता चलता है कि ओलोंग चाय सिर, गर्दन और गले के कैंसर के खतरे को कम करने में अधिक लाभकारी हैं।

10. दंत स्वास्थ्य में सुधार करती है

ओलोंग चाय की पत्तियों में फ्लोराइड होता है यह तत्व फ्लोरीन का आयनित रूप होता है। फ्लोराइड को नेचर कैविटी फाइटर भी कहा जाता है क्योंकि यह दांतों के इनेमल को एसिड की क्रिया से बचाती है। इस प्रकार ओलोंग चाय में पाए जाने वाले फ्लोराइड से दांतों के इनेमल को अम्ल-प्रतिरोधी बनाया जाता है। यह दांतों में होने वाली कैविटी और क्षति से भी बचाती है।

11. त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है

ओलोंग चाय में कई एंटीऑक्सिडेंट और पौधों पर आधारित यौगिक होते हैं। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं जो एक्जिमा व अन्य त्वचा समस्याओ से जुड़ी खुजली और सूजन को कम करते हैं। ओलोंग चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों से लड़ते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। यह बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे झुर्रियां, फाइन लाइन्स और हाइपरपिग्मेंटेशन को भी कम करता है। त्वचा पर ओलोंग चाय को लगाकर मुंहासों और दाग-धब्बों का इलाज किया जा सकता है। इससे त्वचा जवान और चमकदार बनती है। ओलोंग चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स त्वचा को सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से भी बचाते हैं। ओलोंग चाय आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर त्वचा की एलर्जी प्रतिक्रियाओं के खतरे को कम करती है।

12. हड्डियों को मजबूत बनाती है

कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों के लिए आवश्यक मिनरल होते हैं। ये हड्डियों को  मजबूत बनाते हैं। हालांकि, कुछ चिकित्सा स्थितियों, उम्र से संबंधित गिरावट और मिनरल की कमी से हड्डियों से मिनरल कम हो जाता है, जिससे हड्डी के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ओलोंग चाय फ्लोराइड से भरपूर होती है जो ऑस्टियोपोरोसिस को भी रोकने में मदद करती है। इस प्रकार, यह हड्डियों को मजबूत करके हड्डी के फ्रैक्चर के खतरे को कम करती है।

ओलोंग चाय के साइड इफेक्ट

ओलोंग चाय शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाती है। लेकिन पेय पदार्थों के अत्यधिक सेवन के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इनमे निम्न शामिल है:

● ओलोंग चाय में कैफीन होता है। प्रति दिन बहुत अधिक कैफीन लेने से नींद में बाधा आ सकती है। यह सिरदर्द, हृदय गति में वृद्धि और चिड़चिड़ापन के खतरे को भी बढाती है।

● बहुत अधिक ओलोंग चाय रक्त में आयरन के अवशोषण को भी प्रभावित करती है। जिससे एनीमिया और अन्य स्वास्थ्य बीमारिया हो सकती हैं।

ओलोंग चाय की सावधानियां

ओलोंग चाय का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ रोजाना चार कप ओलोंग चाय पीने की सलाह देते हैं।

हालांकि, निम्नलिखित समूहों को ओलोंग चाय पीने की सलाह नहीं दी जाती है:

● गर्भवती महिलाएं

● स्तनपान कराने वाली माताएं

● छोटे बच्चे

● चिंता विकार वाले लोग

● रक्तस्राव विकार वाले लोग

● दिल की समस्या वाले लोग

● मधुमेह वाले लोग

● दस्त से पीड़ित लोग

● ग्लूकोमा से पीड़ित लोग

● उच्च रक्तचाप वाले लोग

कन्क्लूज़न

चाय एक लोकप्रिय पेय होता है जिसका सेवन दुनिया भर में किया जाता है। काली और ग्रीन टी अधिक लोकप्रिय हैं, ओलोंग चाय की कम किस्म ही ज्ञात है। लेकिन इसकी अलग प्रक्रिया ओलोंग चाय को एक स्वस्थ और स्वादिष्ट पेय बनाती है। ओलोंग चाय कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। ओलोंग चाय में शून्य-कैलोरी के कारण यह वजन घटाने के लिए लाभकारी हैं। इसमें पाए जाने वाले उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुण मुक्त कणों से लड़ते हैं। इस प्रकार ओलोंग चाय हृदय रोग और कुछ कैंसर के खतरे को भी कम करती है। ओलोंग चाय त्वचा को पुनर्जीवित करती है और यह दांतों व हड्डियों के स्वास्थ्य को भी बढ़ाती है। लेकिन ओलॉन्ग चाय में उच्च कैफीन की मात्रा कई दुष्प्रभाव भी पैदा कर सकती है। इसलिए, ओलोंग चाय का सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए, जो कि प्रति दिन चार कप से अधिक नहीं होना चाहिए।

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